सतलोक आश्रम बैतूल, मप्र। जब शादी की बात आती है तब एक गहरी चिंता में डूबे पिता का चेहरा सामने आता है क्योंकि दहेज रूपी दानव ने उनके ऊपर बेटियों को बोझ बना दिया है।
दूसरी तरफ संत रामपाल जी महाराज के सान्निध्य में होने वाले विवाह एक पिता की सारी ही चिंता समाप्त कर देते हैं, जिससे बेटियां पिता को बोझ नहीं लगतीं।
ऐसा ही विवाह सतलोक आश्रम बैतूल में देखने को मिला जहां 4 जोड़े महज 17 मिनट में ही परिणय सूत्र में बंध गए।
साधारण से कपड़ों में दूल्हा व दुल्हन अपने गुरु की तस्वीर के आगे हाथ जोड़ कर बैठे और एक दूसरे के हाथ में रक्षा सूत्र बांधते हुए असुर निकंदन रमैनी के माध्यम से यह विवाह संपन्न हो गया, जहां ना कोई पंडित था न ही हवन कुंड।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अंशुल दास दमोह का विवाह यामिनी दासी बैतूल, राजा दास अशोकनगर का विवाह सोनम दासी अशोकनगर, रोशन दास अहमदाबाद का विवाह माधुरी दासी सिवनी, संदीप दास अमरावती का विवाह पंकीता दासी बैतूल से विवाह बिना दान दहेज के संपन्न हुआ। यहां शामिल हुए सैंकड़ों अनुपदेशी लोग बिना ताम-झाम, बिना दहेज के साधारण विवाह के साक्षी बने।
राज्य सेवादार भक्त विष्णु दास की बेटी का विवाह भी इसी कड़ी में साधारण तरीके से हुआ जिसको लेकर विष्णु दास ने बताया कि ऐसा नहीं है कि हम अपनी बेटी को दहेज नहीं दे सकते बल्कि हमारे गुरुदेव रामपाल जी महाराज का मिशन है कि हमें भारत को दहेज मुक्त बनाना है ताकि वे पिता जो दहेज देने में सक्षम नहीं हैं, वे कर्ज तले दबने से बच सकें और सभी बेटियां ससुराल वालों की प्रताड़ना के कारण आत्महत्या का विचार छोड़ अपना जीवन खुशी से जी सकें।
वर वधू पक्ष के सभी रिश्तेदारों व कई जनप्रतिनिधि ने इस अनोखे विवाह की तारीफ करते हुए संत रामपाल जी महाराज के द्वारा किए जा रहे समाज सुधार के कार्यों की सराहना की।